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#DivinePlayAtMaghar पूर्ण परमात्मा कविर्देव(कबीर परमेश्वर)माँ के गर्भ से जन्म नहीं लेते हैं।अपने निज स्थान सतलोक से सशरीर आते हैं,सशरीर जाते हैं। 1398में काशी में लहरतारा तालाब में शिशुरूप में प्रकट हुए और 1518में मगहर से सशरीर सतलोक गये।उनके शरीर के स्थान पर सुगंधित पुष्प मिले।
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